राजनीतिक दृष्टिकोण
लोगों को सशक्त बनाना और उन्हें सम्मानजनक जीवन देना। हम एक गरीबी और भुखमरी मुक्त देश की परीकल्पना करते हैं। एक ऐसा देश जहां लोगों को कुछ भी चुनने की आजादी हो, असहमत होने की आजादी हो, जहां लोग शिक्षित हों और उद्यमी बन सके या अपनी और अपने परिवार को पालने के लिए अपनी पसंद की नौकरी पा सके। एक देश जहां शांति और सद्भाव अपने नागरिकों को खुद को खोजने और अपनी खुशी के लिए अपना रास्ता चुनने के लिए प्रबल करे। और यह सब पर्यावरण पर न्यूनतम लागत के साथ हो |
मिशन
- सभी के लिए नि: शुल्क, समान और अनिवार्य स्कूली शिक्षा – प्राथमिक और उच्च शिक्षा सुधार। शिक्षा पर केंद्र और राज्य के बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करेंगे ।
- सभी के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवायें – प्रत्येक जिले में अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे की स्थापना, गांवों तक।
- नौकरियां और रोजगार – हम उद्योगों की स्थापना और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करके सभी के लिए नौकरियों और काम की व्यवस्था करने का आश्वासन देते हैं।
- पुलिस सुधार – पुलिस को जवाबदेह बनायेंगे, पुलिस में अलग कानून – व्यवस्था और जांच भूमिकाएं। सुप्रीम कोर्ट के 2006 पुलिस सुधार निर्णय को लागू करेंगे।
- प्रशासनिक सुधार (नौकरशाही सुधार) – सरकार और नौकरशाही में जवाबदेही लाना। इससे सरकार की दक्षता में क्रन्तिकारी सुधार होगा।
- न्यायिक सुधार – निर्णयों के लिए समय सीमा लायेंगे, बिना देरी के गुणी न्याय प्रदान करने के लिए न्यायाधीशों और वकीलों को जवाबदेह बनायेंगे। अदालतों को सरकार और राजनेताओं के प्रभाव के बिना निर्णय लेने के सक्षम बनायेंगे ।
- चुनावी सुधार – चुनाव में धन और बाहुबल की शक्ति की भूमिका कम करेंगे। अपराधीयों को चुनाव में भाग लेने का निषेध।
- किसानों के मुद्दे – उन्हें सम्मानजनक आजीविका कमाने और जैविक खेती पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सहायता।
राष्ट्रहित चिंतक “विपक्ष” पार्टी क्यों?
साथियों!
जय हिन्द!
आप सभी जानते हैं सदन में दो हिस्से हैं एक सत्ता पक्ष, और दूसरा विपक्ष | लोकतंत्र में जिनका बहुत महत्व हैं | किन्तु राजनितिक दलों द्वारा किसी भी कीमत पर बहुमत प्राप्त करना इनकी प्राथमिकता होता है | जो इस देश के लोकतंत्र के लिए सबसे खतरनाक कदम है | इसीलिए हम विगत काफी वर्षों से इसे सहन करने के लिए मजबूर हैं |
आपने देखा होगा की किस प्रकार सत्ता को प्राप्त करने के लिए विभिन्न राजनैतिक दल विपरीत विचारधारा के होने के बावजूद सत्ता के लिए संगठित होकर मंत्रालयों का बटवारा करते हैं | जिसके परिणाम स्वरुप भ्रष्ट्राचार के कीर्तिमान बन रहे हैं |
साथ ही जो पार्टियाँ सत्ता पाने में सफल नहीं हो पाती वह मजबूरी में विपक्ष में बैठती हैं और अपनी हार के दर्द को पांच साल तक महसूस करती हैं, और सोचती हैं…
- “जनता जितनी परेशान होगी, उतने ही अगले चुनाव में हमारे जीतने के मौके होंगे |”
- दूसरी बात, सत्ता में बैठी सरकार विपक्ष के साथ वही व्यवहार करती है जो एक जीता हुआ राजा एक हारे हुए राजा के साथ कर सकता है |
- तीसरी बात, सत्ता में बैठी हुई पार्टी कारोड़ों खर्च करके वहां पहुंची हैं तो अरबों कमाने में लग जाती है | साथ ही अपने सगे और सहियोगियों को भी कमाने का विशेष मार्ग तैयार करके देती है |
ऐसी अनेकों अनेक बातों से आप स्वयं ही अवगत हैं इसीलिए इनपर अधिक बोलना ठीक नहीं | नकारात्मक बातों को अधिक समय देना ठीक नहीं, ऐसा हम मानते हैं क्योंकि हम परेशानियों को समाधान की तरफ ले जाना चाहते हैं |
दोस्तों वर्तमान राजनीति में सबसे बढ़ी कमी ये आई है कि देश की संसद पर, जहाँ देश के नागरिकों का भाग्य और भविष्य तैयार किया जाता है, आज राजसी मानसिकता ने पूंजीपतियों, बाहुबलियों, और दलालों के साथ हाथ मिलाकर संसद पर अपना अधिपत्य जमा लिया है | इसीलिए राष्ट्रहित की सबसे ज़रूरी व्यवस्था शिक्षा, स्वस्थ्य और रोज़गार का बाजारीकरण कर उद्योग बना दिया गया है | गरीब और मध्यम वर्ग लगातार मजबूरी की तरफ बढ़ता जा रहा है | किन्तु पूंजीपति, अपराधी, दलाल और बाहुबली आज गणमान्य हो गए हैं |
साथियों इस प्रक्रिया में राजनीति का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि, संस्कारी और समाजसेवी व्यक्ति इस राजनीति से स्वयं ही दूर हो गया है | जब कि स्वस्थ जनतंत्र के लिए जनता, समाजसेवीयों और राजनीतिज्ञों को संयुक्त रूप से सदन को संचालित और सुरक्षित रखना था |
इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रहित चिन्तक विपक्ष पार्टी ने समाजसेवियों को सदन में भेजने के लिए ये एक व्यवस्था तैयार की है | जो विपक्ष की वर्त्तमान नकारात्मक सोच को सकारात्मक रूप देकर एक जीता हुआ विपक्ष सदन के लिए तैयार कर सकेगी | इस प्रयास में ऐसे नागरिक जो अपनी सत्ता की मानसिकता को छोड़कर देश और समाज के प्रति सेवाभाव लेकर आएँगे हम उन्हें अपने नए विचारों से पोषित कर जनप्रतिनिधि बनाएँगे और जनता से अनुरोध करेंगे की सत्ताधारियों का झंडा छोड़कर स्वयं को मज़बूत करने के लिए ऐसे त्यागी जनप्रतिनिधियों को मतदान कर चुने और श्रेष्ठ भारत बनाने में योगदान करें |
हम यह महसूस करते हैं कि हम सब लोगों का यह संगठित कदम राष्ट्र और मानवता के लिए वरदान साबित होगा | और हम सब इस जनतंत्र को सुरक्षित और सफल बनाने में कामयाब होंगे |
अन्य राजनीतिक पार्टी से भिन्न विशेषता
राष्ट्रहित चिन्तक विपक्ष पार्टी देश के राष्ट्रहित चिन्तक समाज सेवकों का राजनैतिक संगठन है | जो अपने नाम के अनुरुप कार्य करेगी| यह जनतंत्र को सक्षम एवं सुरक्षित करने के साथ-साथ भारतीय संविधान की मूल भावना- समानता के अधिकार को स्थापित कराने का कार्य करेगी | जनता के मूल अधिकारों के साथ साथ नागरिकों को सक्षम बनाने के लिए व्यवस्था तैयार कराने एवं उन्हें जनता तक पहुंचाने के लिए कार्य करेगी |
हमारा प्रयास हार जीत की भावना से मुक्त, विपक्ष के दायित्व के रूप में, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए, राष्ट्रहित और जनहित के प्रयासों को सहयोग देना है | साथ ही राष्ट्र और जनहित के खिलाफ कार्यों पर सदन में चर्चाओं के माध्यम से विरोध करना है |
आज के समय में इस नई व्यवस्था और वर्तमान व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन करने पर आपको ज्ञात हो जाएगा कि यह विचारधारा हमारे देश और हमारे लिए कितना आवश्यक और महत्वपूर्ण है | अतः इसमें अपना योगदान देकर इस लोकतांत्रिक प्रयास को सफल बनाएं |
एक तुलनात्मक तालिका
क्रमशः | राष्ट्रहित चिन्तक विपक्ष पार्टी | अन्य राजनैतिक पार्टियाँ |
---|---|---|
1 | यह महान राष्ट्र बनाने के लिए जनशक्ति का प्रतिनिधित्व है | | ये स्वयं को महान बनाने के लिए राजसी शक्ति का प्रतिनिधित्व हैं | |
2 | यह लोकतंत्र की सुरक्षा और सफलता के लिए है| | ये अपने धनतंत्र को मज़बूत कर लोकतंत्र को भ्रष्टतंत्र बना रहीं हैं | |
3 | इसके जन प्रतिनिधि स्वतंत्र जनहित विचारक होंगे | | इनके पार्टी प्रतिनिधि पार्टीहित विचारक हैं | |
4 | यह देश को सकारात्मक और रचनात्मक रूप से सहयोग करने वाला स्थाई मज़बूत विपक्ष का स्वरुप होगा | | इनके पार्टी प्रतिनिधि सत्ता के लिए कार्य करते हैं और पार्टी प्रमुख अपनी अनुकूल व्यवस्था देखते हुए पक्ष या विपक्ष में बैठते हैं | |
5 | यह पार्टी सामाजिक समरस्ता के लिए अन्य सभी पार्टीयों एवं पार्टी प्रतिनिधियों का सम्मान करने की विचारधारा पर काम करेगी| | ये पार्टीयां विपक्ष में आने पर दोषारोपण और विरोध करने की विचाराधारा अपनाती हैं | |
6 | यह पार्टी सता मोह त्याग कर सर्वार्थ भाव से कार्य करने के लिए बनी है | | ये सभी पार्टियाँ सत्ता हासिल करने के लिए बनी हैं | |
7 | राष्ट्रहित में एकमात्र समर्पित विपक्ष की आज देश को परम आवश्यकता है | | सत्ता की लड़ाई के लिए हज़ारों पार्टियाँ अपना भाग्य आजमा रहीं हैं | |
8 | यह पार्टी शिक्षा, स्वास्थ, रोज़गार के बाजारीकरण के खिलाफ है | | इन पार्टियों ने अपना हित ध्यान में रखकर शिक्षा, स्वास्थ, रोज़गार का बाजारीकारण कर दिया है | |
9 | यह पार्टी जाति, धर्मं, क्षेत्र, भाषा, एवं सत्ता के बीच मानवियता का सेतु बनाकर समन्वय स्थापित करेगी | | ये सभी पार्टियाँ खुदको जिताने के लिए जाति, धर्म, क्षेत्र,भाषा, एवं सत्ता के बीच दीवार खड़ी करती हैं | |
10 | यह पार्टी आम जनता की आवाज़ बनकर शान्ति, भाईचारा, और अनुसाशन के साथ सदन में विचार रखकर उचित समाधान निकालने का प्रयास करेगी | ये सभी पार्टियाँ सदन बंद करके आन्दोलन के रूप में सड़कों, चौराहों, रेल,आदि रोक कर जन और राष्ट्रीय संपत्ति को नुक्सान पहुंचा कर समस्या पैदा करती हैं | |
11 | इस विचारधारा से जुड़े हुए समर्पित कार्यकर्ता, सदस्य और नागरिक देश के प्रति त्याग भावना और समर्पण प्रदर्षित करते हैं | | इस व्यवस्था से जुड़े लोग सत्ता में हिस्सेदारी के लिए सभी कुछ करते हैं | |
12 | इसके पदाधिकारी और सहयोगी मानवीय भावना के प्रेरक और समाज सेवी होंगे | | इसके पदाधिकारी आज शासकीय मानसिकता वाले पूंजीपति, बाहुबली, अपराधी, दलाल और मौका परस्त हैं | |
13 | इसके सदस्य लोकतंत्र और जनता दोनों के साथ जोड़ेंगे | | इसके सदस्य लोकतंत्र और जनता दोनों को अपने अधीन रखने का कार्य कर रहे हैं | |